आत्मा से परमात्मा बनने की एक जीवंत यात्रा, जहां तीर्थ यात्रा, आत्म यात्रा बन जाती हैं।
वर्ष 2017 में जब संघ के कार्यकर्ता प्रथम बार तीर्थराज पर्वत पर वंदना हेतु आए तब उनके मन में एक जिज्ञासा उत्पन्न हुई कि हमें स्वयं ही अपने तीर्थ पर प्रथम बार पहुंचने में इतने सालों गुजर गए तो क्या आने वाली पीढ़ी को भी अपने तीर्थराज की वंदना करने हेतु इतना लंबा इंतजार करना पड़ेगा।
बस इसी सवाल के जवाब में वर्ष 2018 में शुरुआत हुई अहिंसा तीर्थ यात्रा संघ की। जब संघ द्वारा प्रथम यात्रा का आगाज 12 अगस्त 2018 को 108 पुण्यशाली यात्रियों के साथ धर्मनगरी केकड़ी से तीर्थराज श्री सम्मेद शिखर जी के लिए हुआ।
बाबा पार्श्वनाथ के आशीर्वाद से निरंतर वर्ष 2019 में 151 यात्री, 2022 में 221 यात्री, 2023 में 251 यात्री, 2024 में 300 यात्री और वर्ष 2025 में भी 300 पुण्यशाली यात्रियों के साथ तीर्थराज की वंदना निर्विघ्नपूर्ण सम्पन्न हुई ।

गौरव जैन :- 9784856472
ललित जैन :- 8968817229
पीयूष जैन :- 8829030222
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